Agnihotri Rajopadhyayas at the Agniśālā Temple – अगिंमथय् अग्निहोत्री जुइधुंकूपिं बाज्यापिनि धलः

Agnishala-Temple-Patan

The following is the list of Agnihotrī Rājopādhyāyas at the Agnisala Temple अग्निशाला मन्दिर (or alternatively Agnimaṭha Temple अग्निमठ, orAgi(n)mathaḥअगिंमथः in Nepāl Bhāṣā) situated at Thabu Tole, Lalitpur Sub-Metropolitan City – 19, Nepāl. The compilation has been made from two books, cited below individual tables.

List of Agnihotrīs at Agniśālā (NS 772 – 959)

क्र.सं. अग्निहोत्री बाजेको नाम कवल मिति (ने.सं.) कैफियत
दामोदर (राजोपाध्याय) ७७२देहान्त ८००
हरिनाथ (राजोपाध्याय)८०१कलश पूजा याय् धुंका अग्निशालाय् दुहांवने मलाय्क मन्त
रामभद्र (राजोपाध्याय)८०२
त्रिविक्रम (राजोपाध्याय) वलानिम्ह८०४, ८०९ (?)
चक्रपाणि शर्मा (राजोपाध्याय)८७५
लक्ष्मीधर (राजोपाध्याय) स्वनिम्ह८७६
गडाधर (राजोपाध्याय) स्वनिम्ह८८९
सुखभाजु (राजोपाध्याय) वलानिम्ह८९५
अनन्तनारायणोपाध्या९५९

शर्मा, ऐश्वर्यधर । (२०४१) । अगिंमथःया ऐतिहासिक सामग्री (The historical materials relating to Agnimath)। काठमाडैाँ: पुष्पाञ्जली-प्रकाशन-गोष्ठी ।

List of Agnihotris at Agnisala

क्र.सं.अग्निहोत्री बाजेको नामअग्निहोत्री बज्यैको नामकुलअवधि (वि.सं.)कैफियत
र्इश्वरानन्ददेव शर्माइन्द्रायणीदेवी शर्मा वकनिम्ह
शक्तिशङ्करदेव शर्माज्वालावती देवी शर्मा स्वनिम्ह
लक्ष्मीकान्तदेव शर्मापूर्णकुमारी शर्मास्वथ
विमलाकान्तदेव शर्मासरस्वति शर्मास्वथ
रत्नज्वालानन्ददेव राजोपाध्यायपद्ममाया शर्मापट्को
भुवनराजानन्ददेव शर्मासिद्धिलक्ष्मी शर्मा वकनिम्ह
कुसुमधरदेव शर्माडमरुलक्ष्मी शर्मा रत्नेश्वरी शर्मावलानिम्ह
महेश्वरराजानन्ददेव राजोपाध्यायकान्छीदेवी शर्मावकनिम्हडेढ वर्ष
विश्वज्वालानन्ददेव राजोपाध्यायविश्वम्भरेश्वरी शर्माखाछेँ (?)
१०सहज्वालानन्द देव राजोपाध्यायरत्नप्रभा शर्मापट्को२०२६-२०३१
११गुरुज्वालानन्ददेव राजोपाध्यायबाबानानी शर्मापट्को२०३१ – २०३७
१२विष्णुज्वालानन्ददेव राजोपाध्यायत्रिभुवनेश्वरी शर्मा अनन्तेश्वरी शर्मापट्को२०३८ – २०६०
१३कविजानन्ददेव राजोपाध्यायभवानीमङ्गला शर्मापट्को२०६१ – २०६३
१४पद्मराज राजोपाध्याय शर्मासानुमैंया राजोपाध्यायस्वनिम्ह२०६३ – २०६९
१५विपेन्द्रराज राजोपाध्याय कमलादेवी राजोपाध्यायस्वनिम्ह२०६९ निसें आतक

ष्ठ, निजिरोस । (२०७०) । यलया अगिंमथ । ललितपुरः विजय प्रकाशन । पृ. ४१-४२ ।

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